नई दिल्ली। दिल्ली के रानी झांसी रोड स्थित अवैध फैक्ट्री में रविवार सुबह भीषण आग से चारों ओर चीख-पुकार मची थी। बहुमंजिला बिल्डिंग में चलने वाली अवैध फैक्ट्री में कई परिवार फंसे हुए थे और बिल्डिंग में इतनी भी जगह नहीं थी कि कोई अपनी जगह से हिल पाता या बिल्डिंग से किसी तरह निकल पाता। ऐसे में मदद के लिए रोते-चीखते अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए आग से घिरी बिल्डिंग में जाने को सबसे पहले फायरमैन राजेश शुक्ला तैयार हुए। उन्होंने अपनी परवाह किए बिना सीधे आग की लपटों के बीच छलांग लगा दी और उसके बाद जो हुआ वह वाकई उनके अदम्य साहस का प्रतीक है।
राजेश शुक्ला फायर स्पॉट में प्रवेश करने वाले पहले फायरमैन थे जिन्होंने बिल्डिंग में फंसे 11 लोगों की जान बचाई। लोग उनके साहस की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी अपने ट्विटर हैंडल से फायरमैन राजेश शुक्ला की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा है कि फायरमैन राजेश शुक्ला एक रियल हीरो हैं। वह फायर स्पॉट में प्रवेश करने वाले पहले फायरमैन थे जिन्होंने 11 लोगों की जान बचाई।
सत्येंद्र जैन ने ट्वीट के अंत में लिखा है इस बहादुर हीरो को सलाम।
फायरमैन राजेश को हड्डियों में चोट लगी हुई थीं। इसके बावजूद उन्होंने अपनी जान पर खेलकर आग में फंसे लोगों को बचाने के लिए सबसे पहले कदम उठाया।
अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने 50 से ज्यादा लोगों को बचाया है, लेकिन भीषण आग और बिल्डिंग में भागने की जगह नहीं होने के कारण 45 लोगों की झुलसने और दम घुटने के कारण मौत हो गई है।